PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना देश के छोटे और सीमांत किसान परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक वर्ष लगभग 14.5 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों को तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये की राशि प्रदान करती है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी कृषि और संबंधित गतिविधियों को सुचारू रूप से जारी रख सकें। इस योजना के माध्यम से किसानों को मिलने वाली धनराशि उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करती है और उन्हें बीज, खाद और कीटनाशकों की खरीद के लिए भी सहायता प्रदान करती है।
17वीं किस्त का भुगतान
सरकार अब पीएम किसान योजना के तहत 17वीं किस्त का भुगतान करने जा रही है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। किसानों को बेसब्री से इस किस्त का इंतजार है क्योंकि यह उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेगी।
लाभार्थी सूची और पात्रता मानदंड
पीएम किसान योजना के तहत, केवल वे किसान परिवार लाभ पाने के पात्र हैं जिनके पास खेती की जमीन है। इसके अलावा, भूमिधारक संगठन, संवैधानिक पद रखने वाले किसान, सरकारी कर्मचारी और पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर और वकील इस योजना के लाभार्थी नहीं हैं।
लाभार्थी सूची और अपनी स्थिति की जांच करना
किसान पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाकर लाभार्थी सूची और अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं। वेबसाइट पर “लाभार्थी सूची” विकल्प पर क्लिक करके और अपना राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव चुनकर, किसान अपना नाम लाभार्थी सूची में देख सकते हैं।
इसी तरह, किसान “17वीं किस्त की स्थिति” पर क्लिक करके देख सकते हैं कि क्या यह किस्त जारी की गई है या नहीं। वे पिछली किस्तों की तारीखों को भी देख सकते हैं और नियमित रूप से वेबसाइट पर जाकर अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है। इस योजना के माध्यम से, सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे अपनी कृषि गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हालांकि, 17वीं किस्त की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन किसान इसका इंतजार कर रहे हैं क्योंकि यह उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगी।